सुन्नते नबवी
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत एक वह्य है जो अल्लाह तआला ने अपने नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर की है। और यह अल्लाह की किताब क़ुरआने अज़ीज़ के साथ इस्लाम धर्म की बुनियाद और उस का मसदर (उत्स) है। और यह दोनों उस तरह लाज़िम मलज़ूम हैं जिस तरह ला इलाह इल्लल्लाह की गवाही और मुहम्मदुर् रसूलुल्लाह की गवाही लाज़िम मलज़ूम है। अतः जिस शख़्स ने सुन्नत पर ईमान नहीं लाया तो उस ने क़ुरआन पर ईमान नहीं लाया।