यात्राओं के अहकाम
इस्लाम जीवन का धर्म है, क्योंकि यह सभी मानवीय स्थितियों के साथ जुड़ा हुआ है, उस के निवास और यात्रा में, उस के ठहराव और हरकत में, उस की हक़ीक़त और मनोरंजन में। और यात्राएं इस सामाजिक जीवन का हिस्सा हैं। और इसी तरह यह उन चीज़ों के अहकामात से भी ख़ाली नहीं है जो अल्लाह तआला हम से चाहता है कि हम उन्हें तरतीब दें और करें, या उस की चाहत के अनुसार उन चीजों से बाज़ रहें और छोड़ दें। इस चैप्टर में हम यात्राओं के कुछ अहकामात से निपटेंगे।