पवित्रता
नमाज़ शहादतैन के बाद इस्लाम का दूसरा रुक्न है। और जब ऐसी बात है कि तहारत तथा पवित्रता के बग़ैर नमाज़ सही नहीं होती, तो मुनासिब है कि छात्र तहारत के अहकामात (पवित्रता के विधि विधान) से आरंभ करे ताकि उस की नमाज़ सही-शुद्ध हो।
नमाज़ शहादतैन के बाद इस्लाम का दूसरा रुक्न है। और जब ऐसी बात है कि तहारत तथा पवित्रता के बग़ैर नमाज़ सही नहीं होती, तो मुनासिब है कि छात्र तहारत के अहकामात (पवित्रता के विधि विधान) से आरंभ करे ताकि उस की नमाज़ सही-शुद्ध हो।