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पाठ फ़ित्री सुन्नतें

अल्लाह तआला ने इंसान को चंद पूर्णता के गुणों के साथ पैदा फ़रमाया है, अगर वह उन पर अमल करे तो यह उसे जहाँ तक मुमकिन हो अच्छा दिखने वाला बना दे। आप इस चैप्टर (अध्याय) में फ़ित्री सुन्नतों और उस के अहकामात के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

∙ फ़ित्री सुन्नतों की जानकारी।∙ फ़ित्री सुन्नतों के अहकामात की जानकारी।

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फ़ित्री सुन्नतें

ये वे गुण हैं जिन के साथ अल्लाह ने लोगों को पैदा फ़रमाया है, जिसे अंजाम दे कर मुसलमान पूर्णता लाभ करता है। पस वह सब से अच्छे गुण और सब से सुंदर रूप में होता है। क्योंकि इस्लाम ने मुस्लिम के लिए सौंदर्य और पूरक पहलुओं का ख्याल रखा है, ताकि उस के लिए बाहरी और अंदरूनी ख़ूबी दोनों एक साथ जमा हो जाये।

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमायाः “फ़ित्री चीज़ें पाँच हैंः ख़तना करना, ज़ेरे नाफ़ (नाभि के नीचे) के बाल साफ़ करना, मूँछें कटवाना, नाख़ुन तराशना और बग़ल के बाल उखेड़ना।” {बुख़ारीः 5891, मुस्लिमः 257} और एक दूसरी हदीस में फ़रमायाः “दस चीज़ें फ़ित्री हैंः मूँछें कटवाना, दाढ़ी बढ़ाना, मिसवाक करना, नाक में पानी डाल कर साफ़ करना, नाख़ुन तराशना, बग़ल के बाल उखेड़ना, ज़ेरे नाफ़ (नाभि के नीचे) के बाल मूँडना और इस्तिंजा करना।” हदीस के रावी फ़रमाते हैंः दसवीं चीज़ मैं भूल गया, शायद वह कुल्ली करना हो। {मुस्लिमः 261}

ख़तना करना

ख़तना करना यानी सुपारी की त्वाचा को ज़ायल करना (लिंग के सामने की चमड़ी को हटाना) है। और यह आम तौर पर पैदाइश के शुरू के दिनों में होता है। और यह पुरुषों के लिए वाजिबी (आवश्यक) फ़ित्री सुन्नतों में से है। और इस के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं।

ज़ेरे नाफ़ के बाल साफ़ करना या नाभि के नीचे के बाल मूँडना

यानी नाभि के नीचे के खुरदरा बालों को शेव कर के या किसी अन्य तरीक़े से साफ़ करना।

मूँछें कतरना

मूँछें रखना मुस्तहब (वांछनीय) नहीं बल्कि जायज़ विषयों में से है। लेकिन अगर मुसलमान इसे रखता है, तो उसे अत्यधिक लंबा नहीं करना चाहिए बल्कि समय समय पर उसे काटते और छोटा करते रहना चाहिए।

दाढ़ी बढ़ाना और उसे छोड़ देना

इस्लाम दाढ़ी बढ़ाने और उसे छोड़ देने पर तरग़ीब दिलाता (प्रोत्साहित करता) है, जो कि दोनों जबड़ों और ठुड्डी पर उगने वाले बाल हैं। और इसे बढ़ाने का अर्थ नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत का पालन करते हुये इसे न मूँडा कर छोड़ देना है।

मिसवाक करना

मतलब दांत साफ करने के लिए अराक (पीलू) की छड़ी या किसी और चीज का उपयोग करना और यह मुस्तहब (वांछनीय) है

नाख़ुन तराशना

पस मुस्लिम को चाहिये कि सदा अपने नाख़ुनों को छोटे रखें ताकि वह मैल कुचेल और गंदगीयों का भण्डार न बन जायें।

बग़ल के बाल उखेड़ना

मुसलमान को चाहिए कि वह अपने बगल के बालों को उखेड़ कर या किसी अन्य रिमूवर से साफ़ कर ले, ताकि उस से कोई दुर्गंध या बदबू न निकले।

उंगलीयों के जोड़ों को धोना

उंगलीयों के जोड़ों और गाँठों को धोना मुस्तहब है

इस्तिंजा करना, कुल्ली करना और नाक में पानी डाल कर साफ़ करनाः

इन तीनों के बारे में बात गुज़र चुकी है इस्तिंजा और क़ज़ा -ए- हाजत के आदाब तथा वुज़ू के अध्याय में।

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