क़ुरआने करीम
अल्लाह तआला ने मानव जाति का मार्गदर्शन करने और उन्हें अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए कुरआन को अपने सर्वश्रेष्ठ सृष्टि और अपने आख़िरी पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतारा। अल्लाह तआला ने फ़रमायाः
﴿قَدْ جَاءَكُمْ مِنَ اللهِ نُورٌ وَكِتَابٌ مُبِينٌ * يَهْدِي بِهِ اللهُ مَنِ اتَّبَعَ رِضْوَانَهُ سُبُلَ السَّلامِ وَيُخْرِجُهُمْ مِنَ الظُّلُمَاتِ إِلَى النُّورِ بِإِذْنِهِ وَيَهْدِيهِمْ إِلَى صِرَاطٍ مُسْتَقِيمٍ﴾ [المائدة: 15، 16].
“तुम्हारे पास अल्लाह की ओर से प्रकाश तथा खुली पुस्तक (क़ुरआन) आ गई है। जिस के द्वारा अल्लाह उन्हें शांति का मार्ग दिखा रहा है, जो उस की प्रसन्नता पर चलते हों, उन्हें अपने हुक्म से अंधेरों से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जाता है और उन्हें सुपथ दिखाता है।” {अलमाइदाः 15-16}