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पाठ नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सीरत तथा जीवनी (1)
मुसलमान के लिए नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जीवनी के विवरण से परिचित होना आवश्यक है, ताकि वह जीवन के सभी पहलुओं में आप का अनुकरण कर सके, क्योंकि उन की जीवनी इस्लाम और उस के कानून के प्रावधानों का व्यावहारिक अनुप्रयोग (शरीअते इस्लाम के अहकामात की अमली ततबीक़) है। अल्लाह तआला ने फ़रमायाः ﴿لَقَدْ كَانَ لَكُمْ فِي رَسُولِ اللَّهِ أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ لِمَنْ كَانَ يَرْجُو اللَّهَ وَالْيَوْمَ الْآخِرَ﴾ [الأحزاب: 21]. “यक़ीनन तुम्हारे लिए रसूलुल्लाह में उम्दा नमूना (मौजूद) है, हर उस शख़्स के लिए जो अल्लाह तआला की और क़ियामत के दिन की उम्मीद रखता है।” {अल्अहज़ाबः 21}.
1- आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का वंश परिचय
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का वंश वंशों में सब से अच्छा और कुलीन है। पस आप हैं: मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब बिन हाशेम बिन अब्द मनाफ बिन कुसै बिन किलाब बिन मुर्रा बिन काब बिन लुअइ बिन गालिब बिन फिहर बिन मालिक बिन अन्नज़्र बिन किनाना बिन खुजैमा बिन मदरका बिन इलयास बिन मुज़र बिन निजार बिन माद बिन अदनान, और अदनान इस्माइल अलैहिस्सलाम के वंश में से है।
2- आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के वालेदैन (पिता माता)
आप के पिता हैः अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब बिन हाशेम। जब आप अपनी माँ के गर्भ में थे, तब उस की मृत्यु हो गई। और आप की माँ है: आमिना बिन्ते वहब बिन अब्द मनाफ बिन ज़हरा।
3- आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की वलादत (जन्म)
आप का जन्म हाथी के वर्ष रबीउल अव्वल के महीने में सोमवार को (मुताबिक़ 571 ईसवी) में हुआ था।
4- आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की रज़ाअत (दूध पीना)
अबू लहब की लौंडी सुवैबा ने आप को कुछ दिनों तक स्तनपान कराया (दूध पिलाया), फिर आप को बनी साद में स्तनपान कराया गया, पस हलीमा सादिया ने आप को स्तनपान कराया, और आप उन के पास बनी साद में लगभग चार साल तक रहे। और वहीं आप का सीना चाक किया गया, और आप से कुप्रवृत्ति (ख़ाहिशात) तथा शैतान का अंश निकाल लिया गया, चुनांचि हलीमा ने इस घटना के बाद आप को आप की माँ के पास लौटा दिया।
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की परवरिश तथा आप की जवानी
बेसत (नुबुव्वत मिलने) से पहले आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का मशग़लाः
बेसत से पहले रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का जीवन एक नेक और सम्मानजनक जीवन था, जिस में आप के लिए कोई झूठ नहीं जाना गया और कोई चूक शुमार नहीं की गई। अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पले बढ़े इस हाल में कि अल्लाह तआला ने आप को अपने हिफ़्ज़ व अमान में घेर रखा था और जाहिलियत की गंदगी से सुरक्षित रखा था, यहाँ तक कि आप शिष्टता में अपनी क़ौम के लोगों में सब से अच्छा बन गये, चरित्र में सब से अच्छा, वंश में सब से मानी, पड़ोस में सब से अफ़ज़ल, शालीनता में सब से बड़ा, वचन में सब से सच्चा, अमानत में सब से अज़ीम, और उन में सब से ज़्यादा अश्लीलता और अनैतिकता से दूर, यहाँ तक कि आप उन के नज़दीक "सादिक़ और अमीन यानी ईमानदार और वफादार" के लक़ब से मशहूर हो गये।
6- नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की बीवीयाँ
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने पचीस साल की उम्र में ख़दीजा रज़ियल्लाहु अन्हा से शादी की। जब आप उन के दास मैसरा के साथ व्यापार करने के लिए सीरिया गये, तो मैसरा ने आप के मामले, आप की सच्चाई, ईमानदारी तथा अमानतदारी में से जो देखा उस से आश्चर्य हुआ। चुनाँचि जब वह आया तो अपनी मलिकन को सारा माजरा बता दिया। पस उन्हों ने (यह सब कुछ देख सुन कर) आप से शादी करने की रग़बत ज़ाहिर की। ख़दीजा रज़ियल्लाहु अन्हा ही सब से पहली औरत हैं जिन से रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने शादी की। और उन के जीते जी आप ने किसी और से शादी नहीं की। वही इब्राहीम के अलावा आप के तमाम बच्चों की माँ हैं। और ख़दीजा रज़ियल्लाहु अन्हा की वफ़ात हिजरत से तीन साल पहले हुई।
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की बीवीयों के नाम
7- नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की औलाद
सही मतानुसार आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की औलाद की तादाद सात हैः (तीन बेटे और चार बेटीयाँ)।
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के तीनों बेटे हैंः अलक़ासिम, इसी से आप की कुनियत (अबुल् क़ासिम) है, और यह चंद ही दिन जीवित रहे। अब्दुल्लाह और इन का लक़ब था ताहिर और तैइब। और इब्राहीम।
और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की चारों बेटीयाँ यह हैंः ज़ैनब जो सब से बड़ी बेटी है, रुक़ैया, उम्मे कुल्सूम और फ़तिमा रज़ियल्लाहु अन्हुन्न। आप के तमाम बच्चे (बेटे और बेटीयाँ सब के सब) आप की बीवी उम्मुल् मुमिनीन ख़दीजा रज़ियल्लाहु अन्हा से हैं, सिवाय इब्राहीम के जो कि आप की लौंडी मारिया क़िबतीया से हैं जिसे मुक़ौक़िस ने आप को हदिया किया था।